NEET UG 2024: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा NEET UG 2024 के भविष्य का फैसला हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई, 2024 को अपने फैसले में पेपर लीक के आरोपों के कारण फिर से परीक्षा कराने की याचिका को खारिज कर दिया।
असत्यापित लीक ने छाया डाली:
5 मई, 2024 को आयोजित NEET UG परीक्षा से पहले बिहार और हज़ारीबाग केंद्रों में प्रश्नपत्र लीक होने के आरोप सामने आए थे। इसने परीक्षा में शामिल हुए 2 मिलियन से अधिक छात्रों के बीच चिंता बढ़ा दी थी।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि लीक ने परीक्षा की निष्पक्षता को खतरे में डाल दिया और फिर से परीक्षा कराने की मांग की। इस मुद्दे की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को भी निर्देश दिए गए।
सुप्रीम कोर्ट का पुनः परीक्षा नहीं कराने का निर्णय:
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने स्वीकार किया कि पेपर लीक हुआ था। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि साक्ष्य से यह नहीं पता चलता कि यह लीक व्यापक या “सिस्टमेटिक” था जिससे पूरी परीक्षा की अखंडता खतरे में पड़ी हो।
कोर्ट ने अपने निर्णय में निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रकाश डाला:
- लीक की सीमित सीमा: लीक केवल कुछ विशिष्ट केंद्रों तक सीमित था और पूरे देश में व्यापक नहीं था।
- परिणामों का विश्लेषण: डेटा विश्लेषण से यह नहीं पता चला कि लीक वाले केंद्रों के छात्रों को कोई महत्वपूर्ण लाभ हुआ। वास्तव में, इन केंद्रों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कम था।
- समय तालिका का विघटन: पुनः परीक्षा का आदेश देने से काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया में महत्वपूर्ण देरी होती, जिससे पूरे शैक्षणिक वर्ष पर प्रभाव पड़ता।
NEET UG 2024 अभ्यर्थियों पर प्रभाव:
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से NEET UG 2024 के परीक्षार्थियों को कुछ राहत मिली है। काउंसलिंग जल्द ही शुरू होने की संभावना है, जिससे छात्र अब अपने पसंदीदा मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पाने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
हालांकि, लीक के आरोपों और इसके कारण उत्पन्न चिंता को अनदेखा नहीं किया जा सकता। प्राधिकरण को इस मामले की पूरी तरह से जांच करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
आगे का रास्ता: परीक्षा की सुरक्षा सुनिश्चित करना
NEET UG विवाद उच्च-स्तरीय परीक्षाओं की अखंडता को बनाए रखने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करता है। यहां कुछ संभावित समाधान दिए गए हैं:
- सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार: प्रश्नपत्रों के संचालन और परिवहन के लिए कड़े प्रोटोकॉल लागू करने से लीक होने के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- कड़ी सजा: पेपर लीक में शामिल लोगों के लिए कठोर दंड निवारक के रूप में काम कर सकते हैं।
- प्रौद्योगिकी का उपयोग: ऑनलाइन प्रश्नपत्र वितरण और रियल-टाइम निगरानी जैसी तकनीकों का उपयोग परीक्षा सुरक्षा को मजबूत कर सकता है।
NEET UG 2024 की गाथा निष्पक्ष और विश्वसनीय प्रवेश परीक्षाओं के महत्व की याद दिलाती है। आगे बढ़ते हुए, छात्रों के विश्वास को बनाए रखने और मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए मजबूत परीक्षा सुरक्षा सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण होगा।