कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 37 वर्गों को दिए गए ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है, जिससे सीएम ममता बनर्जी नाराज हो गई हैं।। चुनावी रैली में उन्होंने अपना आक्रामक तेवर दिखाया। परिणामी रूप से बंगाल में मुस्लिमों के 5 लाख ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द हो जाएंगे।
यह आदेश 2010 से जारी किए गए ओबीसी सर्टिफिकेट्स पर लागू होगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस राजशेखर मंथा की बेंच ने यह आदेश जारी किया है। अब ओबीसी में कैटेगराइज किए गए 66 समुदायों को 2010 से पहले इससे प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। 5 मार्च 2010 से 11 मई 2012 तक ओबीसी में जुड़े 42 समुदायों का दर्जा रद्द कर दिया गया है।
एक जनहित याचिका 2012 में दाखिल की गई थी, जिसका उद्देश्य 2012 के कानून को खत्म करना था। याचिका में विवाद था कि टीएमसी सरकार का फैसला पश्चिम बंगाल पिछड़ा कल्याण आयोग अधिनियम 1993 के खिलाफ था।
ममता दीदी ने उच्च न्यायालय के इस आदेश को सर्वोच्च अदालत में चुनौती देने का संकेत दिया है। ममता बनर्जी ने अपनी आवाज उच्चाई पर रखकर कहा कि वे अदालत का सम्मान करती हैं, परन्तु मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण से बाहर रखने वाले फैसले को स्वीकार नहीं करेंगी। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने अपने एक्स हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने अदालत के आदेश को मानने से स्पष्ट इनकार किया दिखाई दिया है।